नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने फैसला किया है कि वह अब मिड-डे मील पर राज्यों को एलपीजी के लिए छूट नहीं देगा। अब मिड-डे मील के लिए राज्य सरकारों को बाजार मूल्य पर ही एलपीजी उपलब्ध होगी, इसके लिए किसी भी तरह की सब्सिडी का प्रावधान नहीं किया जाएगा। इस अतिरिक्त बोझ का समाधान निकालने के लिए कुछ राज्य मानव संसाधन मंत्रालय तक अपनी बात रखने वाले हैं। इस कदम से यह आशंका भी पैदा हो रही है कि मिड डे मील पर भी अब सरकारों के बीच तनातनी का माहौल बन सकता है।
अप्रैल 2015 को एचआरडी मिनिस्ट्री की ओर से कहा गया था कि जल्द राज्यों को मिड डे मील के लिए बाजार मूल्य पर एलपीजी की व्यवस्था करनी होगी, इसके लिए सरकार कोई रहम नहीं करेगी। मई में वित्त मंत्रालय की ओर से यह साफ कर दिया गया कि अब मिड डे मील के लिए मिलने वाले एलपीजी सिलिंडर पर कोई छूट नहीं मिलेगी। हाल में इस योजना के बजट में भी 30 प्रतिशत कटौती की गई, जिसके बाद से इस योजना को लेकर भीतरी तौर पर सब कुछ ठीक चलता नहीं दिख रहा है। इस योजना के अंतर्गत हर दिन 11.67 लाख सरकारी स्कूल के कक्षा 1 से 8 तक के 10 करोड़ बच्चों तक पका-पकाया भोजन उपलब्ध करवाया जाता 2014-15 में इस योजना के लिए 13 हजार करोड़ का बजट निर्धारित किया गया था, जो कि इस बार 2015-16 के लिए घटकर 9 हजार करोड़ रह गया है।