मधेशी आंदोलन: भूकंप के बाद हिंसा की आग में नेपाल

madesh
काठमांडू। भूकंप की त्रासदी के बाद नेपाल बीते कई दिनों से हिंसा से जूझ रहा है। खासकर तराई इलाके में भीषण तनाव की स्थिति है। नेपाल में संविधान बनाने का काम आखिरी दौर में है। देश में छह राज्यों की बात की जा रही है। इससे भारतीय मूल के मधेशी समुदाय और थारू समुदाय में नाराजगी है। दोनों अपने अपने राज्य भी चाहते हैं। थारू इस बात से भी नाराज हैं कि प्रस्तावित थारूहाट राज्य में से कैलाली और कंचनपुर जिलों को निकालने की साजिश हो रही है। नेपाल में थारूहाट राज्य की मांग को लेकर सोमवार को कैलाली जिले में हुए हिंसक प्रदर्शन में 17 पुलिसकर्मियों समेत 20 लोगों की मौत हो गई। मृतकों में एक वरिष्ठ पुलिस अफसर और तीन प्रदर्शनकारी भी शामिल हैं। पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प में 100 से अधिक लोग जख्मी हुए हैं।
कैलाली के मुख्य जिला अधिकारी राजकुमार श्रेष्ठ ने बताया कि मरने वाले 17 पुलिसवालों में एक वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक भी शामिल हैं। उन्होंने बताया कि थारूहाट प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प कैलाली जिले के टीकापुर नाम की जगह पर हुई। नेपाल पुलिस के मुख्यालय पर उप पुलिस महानिरीक्षक हेमंता पाल ने बताया कि मृतकों में सेती के क्षेत्रीय पुलिस प्रमुख लक्ष्मण न्यूपेन, दो इंस्पेक्टर केशव बोहारा और बलराम बिस्ता, एक हेड कांस्टेबल और एक कांस्टेबल भी शामिल हैं। आम्र्ड पुलिस फोर्स के छह सुरक्षाकर्मी भी घटना में मारे गए हैं। इनमें रामबीर थारू नाम के हेड कांस्टेबल भी शामिल हैं। हालात उस वक्त बेकाबू हो गए जब प्रदर्शनकारियों ने कफ्र्यू तोडऩे की कोशिश की। वहीं राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की बैठक में फैसला लिया गया कि हिंसा पर काबू पाने के लिए सेना तैनात की जाए। इलाके में तनाव बना हुआ है। सुरक्षाकर्मियों और प्रदर्शनकारियों के बीच रह-रह कर संघर्ष की खबरें आ रही हैं। रौताहाट और सप्तरी जिलों में भी हिंसा की खबर है।