यूपी में मच्छरजनित रोगों का बढ़ा आतंक

dengue-fever
लखनऊ ।(विसं.)यूपी के 44 जिलों में मच्छ रजनित रोगों डेंगू जापानी बुखार और मलेरिया फैल गया है। अब तक 190 लोग डेंगू की चपेट में आ चुके हैं जिनमे अलग -अलग स्थानों पर तीन लोगों की मौत हो गयी। स्वास्थ्य विभाग पर आंकड़े छुपाने का आरोप लग रहा है। गाजियाबाद,कानपुर,बरेली लखनऊ और पूर्वांचल के जिले सर्वाधिक प्रभावित हैं। प्रदेश की महानिदेशक चिकित्सा एवं स्वास्थ्य डॉ विजय लक्ष्मी ने बताया कि इस समय प्रदेश में डेंगू को लेकर सर्वाधिक संवेदनशील गाजियाबाद है जहां अगले सप्ताह भारत सरकार स्वास्थ्य मंत्रालय की टीम वहां भ्रमण कर प्रभावी कदम उठाएगी। इसके पहले कानपुर में ये टीम आयी थी अब कानपुर की स्थित नियंत्रण में है। मुख्य सचिव के आदेश के बाद लखनऊ मेरठ इलाहबाद और गोरखपुर में स्वास्थ्य जागरूकता शिविर आयोजित करेगी। उन्होंने कहा कि डेंगू के बाद सबसे अधिक पीडि़त लोग पूर्वांचल में जापानी इंसे लाइटिस से तथा बरेली में मलेरिया से लोग पीडि़त हुए हैं। निजी पैथोलॉजी और नर्सिंग होम संचालकों द्वारा सही जानकारियां न दिए जाने से दिक्कत आ रही है। पिछले 20 दिनों में प्रदेश में मच्छर जनित रोगों का प्रसार तेजी से बढ़ा है। जिसके कारण पंद्रह मंडलों के 42 जिलों में तेजी से डेंगू फैला है। डॉ विजयलक्ष्मी के अनुसार लखनऊ आजमगढ़, चित्रकूट, आजमगढ़, बस्ती बरेली देवीपाटन मेरठ, कानपुर व इलाहाबाद मंडलों तक पांव पसार चुका है। लखनऊ गाजियाबाद और कानपुर महकमे के स्पष्ट निर्देशों व मुख्य चिकित्सा अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपे जाने के बावजूद जो आंकड़े आ रहे हैं। उससे स्पष्ट है कि सच्चाई छुपाई जा रही हैं। इनमें सर्वाधिक 95 मामले गाजियाबाद मामले कानपुर 55 लखनऊ 22 जौनपुर 13 के हैं। इलाहाबाद के 15 और उन्नाव व सीतापुर में 8-8 लोगों को डेंगू होने की पुष्टि हुई है। चूँकि डेंगू के मामले गंभीर होने पर बहुत सारे लोग नर्सिंग होम चले जाते हैं। इसी तरह जांचें भी निजी पैथोलॉजी में कराई जाती हैं। इन दोनों के संचालक सही जानकारी नहीं दे रहे हैं। ऐसे में स्वास्थ्य विभाग के पास पहुंचे आंकड़े मूल रूप से मेडिकल कालेज व जिला अस्पताल तक पहुंचे मरीजों के ही हैं। प्रभावित जिले लखनऊ उन्नाव रायबरेली हरदोई सीतापुर सुलतानपुर बाराबंकी अम्बेडकरनगर बांदा बलिया सिद्धार्थ नगर पीलीभीत शाहजहांपुर बहराइच गौतमबुद्ध नगर मेरठ गाजियाबाद बुलंदशहर कानपुर नगर इलाहबाद फ तेहपुर। मच्छरजनित संक्रामक रोगों के लिए हर जिले में मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय में नियंत्रण कक्ष बनाया गया है। प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों एवं मुख्य चिकित्सा अधिकारियों से कहा गया है कि वे सरकारी अस्पतालों के अलावा निजी अस्पतालों में बुखार से प्रभावित लोगों की जाँच करा के इसे फैलने से रोकने में कड़े कदम उठावें । अधिकारियों को इस बाबत स त निर्देश दिए गए हैं। लापरवाही होने पर नर्सिंग होम और पैथोलॉजी लैब संचालकों के खिलाफ तो कार्रवाई होगी ही सीएमओ भी दंडित किए जाएंगे।