डायमंड सिटी सूरत भी है खूबसूरत

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फीचर डेस्क। सूरत गुजरात प्रान्त का एक प्रमुख शहर है। यह शहर सूरत जिले का प्रशासनिक मुख्यालय भी है। तापी नदी सूरत शहर के मध्य से होकर गुजरती है। सूरत मुख्यत: कपड़ा उद्योग और डायमंड कटिंग, पोलिशिंग के लिए प्रसिद्ध है, इसलिए इस शहर को सिल्क सिटी और डायमंड सिटी के नाम से भी जाना जाता है।
ऐसा समझा जाता है कि आधुनिक सूरत शहर की स्थापना पंद्रहवी सदी के अंतिम वर्षों में हुई। कहा जाता है कि 1516 में एक हिन्दू ब्राह्मण गोपी ने इसे बसाया था. 12वीं से 15वीं शताब्दी तक यह शहर मुस्लिम शासकों, पुर्तगालियों, मुगलों और मराठों के आक्रमणों का शिकार हुआ। 1514 में पुर्तगाली यात्री दुआरते बारबोसा ने सूरत का वर्णन एक महत्त्वपूर्ण बंदरगाह के रूप में किया था। 18वीं शताब्दी में धीरे-धीरे सूरत का पतन होने लगा था उस समय अंग्रेज और डच, दोनों ने सूरत पर नियंत्रण का दावा किया, लेकिन 1800 में अंग्रेजों का इस पर अधिकार हो गया।सूरत भारत के पश्चिम में स्थित है यह सड़क, रेल और हवाई मार्गों से जुड़ा हुआ है। आसपास के इलाके में खेती होती है। कपास, बाजरा, दलहन और चावल यहाँ की मुख्य पैदावार हैं। वस्त्रोद्योग सूरत शहर में ही केंद्रित है। 1990 में गन्ना, अंगूर और केले जैसे नकदी फ़सलो की खेती की शुरुआत की गई। पुर्तगालियों द्वारा (1512 एवं 1530) सूरत को जला दिए जाने के बाद यह एक बड़ा विक्रय केंद्र बना, जहाँ से कपड़े और सोने का निर्यात होता था। वस्त्रोद्योग और जहाज निर्माण यहां के मुख्य उद्योग थे। अंग्रेजों ने 1612 में पहली बार अपनी व्यापारिक चौकी यहीं पर स्थापित की थी। यहां के सूती, रेशमी, किमख़्वाब (जरीदार कपड़ा) के वस्त्र तथा सोने व चाँदी की वस्तुएं प्रसिद्ध हैं. सूरत के हीरे पर पॉलिश के उद्योग ने प्रवासी मजदूरों कों अपनी और आकर्षित किया है।