मजनू का पिंजड़ा, जिसमें कैद होंगे मनचले

pinjra

लखनऊ। उत्तर प्रदेश में हर बीते दिन महिलाओं के साथ छेडख़ानी और बदसलूकी की घटनाएं बढ़ती जा रही हैं। मुजफ्फरनगर दंगों का मूल कारण भी ऐसी ही एक घटना बनी थी जिसके कारण हजारों लोगों को बेघर होना पड़ा और आज भी स्थानीय निवासी भय के माहौल में जी रहे हैं। मेरठ में छेड़छाड़ का विरोध करने पर फौजी की हत्या के बाद से पुलिस ऐसी घटनाओं के प्रति सख्त हो गयी हैं। प्रदेश छेड़छाड़ की वारदातें हर रोज सामने आती रहती है। पिछले हफ्ते हैबतपुर गांव में छेड़छाड़ के विरोध में हुए बवाल के बाद मुजफ्फरनगर के जिलाधिकारी ने पुलिस को आदेश दिया है कि मजनू पिंजड़ा तैयार किया जाए जिसमें इन शोहदों को बंद कर जनता के बीच रखा जाए ताकि इनको शर्मिंदा किया जा सके।
जानकारी के मुताबिक जिलाधिकारी निखिल चंद शुक्ला ने पुलिस को आदेश दिए हैं कि वे उन जगहों को खासकर लड़कियों के स्कूल और कॉलेज को चिन्हित करें जहां छेड़छाड़ की घटनाएं अक्सर होती हैं। इन जगहों पर ड्यूटी कर रहे पुलिस वालों को मजनू का पिंजड़ा दिया जाए जिससे जैसे ही कोई मनचला किसी लड़की या महिला से बदतमीजी करे तो उसे तुरंत उस पिंजड़े में बंद कर लोगों के बीच रख दिया जाए। कोतवाली, सिविल लाइन्स, और मंडी पुलिस स्टेशन की महिला प्रभारी की देख रेख में पुलिस की चार टीम पिंजड़ा अभियान का संचालन करेंगी। जब इस बारे में जिलाधिकारी निखिल चंद का कहना है कि मैंने अधिकारियों से कहा है कि वह मजनुओं को रंगे हाथों पकड़े। हालांकि मैं पिंजड़े के रोल के बारे में नहीं जनता। हो सकता है यह गैर कानूनी हो, लेकिन मनचलों को जनता के सामने बेनकाब करना जरुरी है। मैं एसएसपी केबी सिंह के साथ आज और कल कई कॉलेजों के निरीक्षण के लिए गया था। यही नहीं इन पिंजड़ों में जिन लोगों को कैद किया जाएगा, उनकी पहचान क्षेत्र के लोगों से कराई जाएगी। क्षेत्रीय लोगों के सामने उन्हें कैद कर रखा जाएगा और उनके घरवालों को बुलाया जाएगा।