मां ने खोला गंगा मां के लिए खजाना

amrita amma
कोल्लम। माता अमृतानंदमयी मठ ने प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी परियोजना नमामि गंगे के लिए 100 करोड़ रूपये दान में दिए हैं। अमृतापुर आश्रम में आयोजित एक कार्यक्रम में अमृतानंदमयी देवी 100 करोड़ रूपये का ड्राफ्ट केन्द्रीय वित्त मंत्री अरूण जेटली को सौंपा। इस धनराशि का प्रयोग गंगा किनारे के गरीब गांवों में शौचालय बनाने के लिए किया जाएगा। इसकी संस्थापक धार्मिक नेता और मानववादी माता अमृतानंदमयी देवी हैं। वह अम्मा के नाम से प्रसिद्ध हैं। गौर हो कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और अम्मा ने 28 मार्च को पहली बार स्वच्छ गंगा परियोजना में मठ की भागीदारी को लेकर चर्चा की थी। माता अमृतानंदमयी मठ ने 2010 में अमला भारतम अभियान (एबीसी) की शुरूआत की थी जिसका लक्ष्य देश के पावन सौंदर्य को पुन:स्थापित करना और लोक कल्याण था। इस अभियान के तहत लाखों कार्यकर्ता नियमित रूप से सार्वजनिक स्थानों की सफाई करते हैं और स्कूलों में कचरे के निपटान के सही तरीकों के बारे में जागरूकता फैलाते हैं। इस अवसर पर अरूण जेटली ने कहा कि स्वच्छ भारत अभियान की तरह अगले तीन से चार साल में केंद्र सरकार नमामि गंगे परियोजना को सफल बनाने के लिए कृतसंकल्प है। उन्होंने यहां आध्यात्मिक गुरू से 100 करोड़ रूपये का चेक लिया। इस पैसे से गंगा के किनारे के बेहद गरीब गांवों में शौचालय बनाए जाएंगे। गंगा की सफाई के लिए नमामि गंगे परियोजना केंद्र सरकार ने शुरू की है। अगले पांच साल में इस पर 20 हजार करोड़ रूपये खर्च किए जाएंगे। जेटली ने कहा कि देश की 40 फीसदी आबादी किसी न किसी तरह गंगा पर निर्भर है। अतीत में इसे साफ करने के लिए करोड़ों रूपये खर्च किए जा चुके हैं। उन्होंने कहा, स्वच्छ भारत अभियान के पहले चरण में सभी स्कूलों में शौचालय बनाने के काम को भारी सफलता मिली है। अब देश के सभी घरों में शौचालय बनाने का प्रयास किया जा रहा है। मठ की सेवाओं की तारीफ करते हुए जेटली ने कहा कि सौ करोड़ के दान का दूसरों के लिए भी काफी प्रतीकात्मक महत्व है।