आतंकी संगठन में शामिल होना चाहती है फौजी की बेटी

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नई दिल्ली। खूंखार आतंकवादी संगठन इस्लामिक स्टेट (आईएसआईएस) का खौफ दिनों-दिन बढ़ता जा रहा है। उसकी करतूतों ने पूरी दुनिया को झंकझोर कर रख दिया है। अब एक ऐसा मामला सामने आया है, जिससे देश चौंक उठा है। मीडिया में सामने आई कुछ रिपोर्टों के मुताबिक, आतंकी संगठन इस्लामिक स्टेट में दिल्ली यूनिवर्सिटी की एक पूर्व छात्रा के शामिल होने की इच्छा जाहिर करने का सनसनीखेज खुलासा हुआ है। डीयू की यह पूर्व छात्रा हिंदू परिवार से ताल्लुक रखती है, जबकि पिता भारतीय सेना में अधिकारी रह चुके हैं।
रिपोर्ट के मुताबिक, खुफिया एजेंसी आईबी के अधिकारी बीते कई दिनों से उक्त लड़की को आईएस में शामिल नहीं होने के लिए समझा रहे हैं। वे इस लड़की को यह समझाने में कई सप्ताह से लगे हुए हैं कि आईएस में शामिल होना सही बात नहीं है। गौर हो कि 25 वर्षीय इस हिंदू युवती के पिता भारतीय सेना के रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएट यह युवती तीन साल पहले पोस्ट ग्रेजुएशन की पढ़ाई के लिए ऑस्ट्रेलिया गई थी। वहां रहकर उसने अपनी पढ़ाई पूरी की, लेकिन जब वह वापस अपने घर लौटी तो उसमें परिजनों को काफी बदलाव देखने को मिले।
आईबी सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि युवती के पिता ने ही राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) से संपर्क कर अपनी बेटी की संदिग्ध गतिविधियों के बारे में सूचना दी थी। उन्होंने एनआईए से बेटी की काउंसिलिंग करने व उसकी कट्टरता को दूर करने के लिए मदद मांगी है। मामले की जानकारी के बाद से ही एनआईए और आईबी एक-दूसरे के संपर्क में बने हुए हैं। आईबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न उजागर करने की शर्त पर इस खबर की पुष्टि करते हुए बताया कि कुछ माह पहले युवती के पिता ने बेटी के कंप्यूटर पर आईएस से संबंधित कुछ सामग्री देखी। उन्होंने निजी रूप से इसकी छानबीन की तो पता चला कि उनकी बेटी कथित तौर पर आईएस में भर्ती करने वाले लोगों के संपर्क में है। इतना ही नहीं लडक़ी आईएस में शामिल होने के लिए सीरिया जाने की योजना भी बना रही थी। इस बात का पता चलते ही उनके पैरों तले जमीन खिसक गई। उन्होंने तत्काल एनआईए से मदद मांगी। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, इस हिंदू युवती ने शायद इस्लाम कबूल कर ऑस्ट्रेलिया के रास्ते सीरिया जाने की योजना बनाई थी। अब एनआईए हर हाल में छात्रा की मदद कर उसे पूर्व की स्थिति में लाने में जुट गई है। गौर हो कि आईएसआईएस में हाल के दिनों में भारत के युवाओं की दिलचस्पी बढ़ी है। इसके मद्देनजर केंद्र सरकार की ओर से भी कई ऐहतियाती कदम उठाए गए हैं।