हंगामेदार होगा इस बार का मानसून सत्र

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नई दिल्ली। संसद का मानसून सत्र इस बार काफी हंगामेदार होने के आसार हैं। केन्द्र सरकार की एक पर एक नाकामियों का पुलिंदा विपक्ष के पास है जिससे विपक्ष ने अभी से अपनी कमर कस ली है। विपक्ष की ओर से एकजुट घेराबंदी के चलते संसद के हंगामे मानसून सत्र की आशंका को देखते हुए सरकार ने व्यापम घोटाले, ललितगेट, काले धन और सामाजिक-आर्थिक जाति जनगणना सहित विभिन्न मुद्दों पर आक्रामक पलटवार करने की रणनीति बनाई है। संसद का मानसून सत्र 21 जुलाई से शुरू होकर 13 अगस्त तक चलेगा। इसके एक दिन पहले 20 जुलाई को सर्वदलीय बैठक से पहले ही सरकार संभवत: अपनी रणनीति तैयार कर लेगी।
जानकारी के अनुसार संसदीय मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति की 24 जून को हुई पिछली बैठक में तय किया गया कि विवादों को लेकर विपक्ष के हमले का सदन पटल पर जवाब दिया जाएगा और इसी वजह से संसद के मानसून सत्र को संक्षिप्त नहीं करने का समझ बूझ कर फैसला किया गया। सत्र की अवधि को कम करने के सकारात्मक और नकारात्मक प्रभावों पर बैठक में चर्चा के बाद महसूस किया गया कि सत्ता पक्ष को बचाव की मुद्रा में नहीं आना चाहिए।