समय से पहुंच जाता दोस्त तो अखलाक को ना मिलती मौत

akhlak dadriनोएडा। दादरी में हुए अखलाक हत्याकांड में रोज नयी जानकारियां सामने आ रही हैं। इसी कड़ी में यह खुलासा हुआ है कि उसने मदद के लिए बचपन के एक हिंदू दोस्त को फोन किया था। एक अंग्रेजी अखबार की खबर के मुताबिक जब अखलाक पर हमला हुआ तो उसने मदद के लिए अपने बचपन के दोस्त को फोन किया था। पुलिस ने बताया कि फोन रिकॉर्ड के अनुसार अखलाक ने आखिरी फोन अपने दोस्त मनोज सिसोदिया को किया था। मनोज वही शख्स था, जिसने पुलिस को इस मामले की जानकारी दी थी।
मनोज सिसोदिया गांव में किरानेे की दुकान चलाते हैं। उनके और अखलाक के घर के बीच की दूरी 500 मीटर है। बकौल मनोज, रात को करीब साढ़े दस बजे अखलाक का फोन आया। वह काफी डरा हुआ था। उसने कहा, मनोज भाई, हम खतरे में हैं। किसी तरह पुलिस को फोन करके फोर्स बुलवा दो। इसके बाद मनोज ने पुलिस को फोन किया और खुद भी अखलाक के घर की ओर दौड़ा। हालांकि तब तक काफी देर हो चुकी थी, भीड़ के हाथों अखलाख मारा जा चुका था। मनोज का कहना है कि अगर वह थोड़ी देर पहले पहुंच गया होता तो भीड़ का गुस्सा कम कर सकता था। शायद इससे अखलाक की जान भी बच जाती।