चार गांव के 315 ईसाई दोबारा बने हिंदू, रक्षा सूत्र बांधा गया

conversionवाराणसी। पीएम नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में बड़े पैमाने पर घर वापसी का कार्यक्रम हुआ। चार गांव के 315 लोगों ने ईसाई धर्म से दोबारा हिंदू धर्म अपनाया। 38 परिवार के इन लोगों ने वर्षों पहले ईसाई धर्म अपना लिया था। इस दौरान पांच गांव के करीब पांच सौ लोग मौजूद थे। इसे लेकर इलाके में दिन भर तरह-तरह की चर्चाएं होती रहीं।
यह घटना हरहुआ क्षेत्र के औसानपुर की है। वहां ग्राम देवता पूजन समिति के संयोजक चंद्रमा बिंद के नेतृत्व में लोगों ने धर्म परिवर्तन किया। इसमें कुल चार गांव के 38 परिवार के 315 लोग शामिल हुए। इन सभी ने हवन.पूजन के बाद पूर्वज, धर्म और परंपरा से फिर से जुड़कर हिंदू धर्म स्वीकार कर लिया। इस दौरान औसानपुर, कोरमां, रामेश्वर, गोकुलपुर और गहरवार पुर के करीब पांच सौ लोग मौजूद थे। उन सभी ने हवन में भाग लेकर सनातन धर्म की रक्षा का संकल्प लिया। धर्म जागरण समन्वय विभाग के लेटर हेड पर प्रेस रिलीज जारी की गई है। यज्ञ के बाद दुर्गा पूजा समिति के प्रभुनाथ यादव के नेतृत्व में रक्षा सूत्र बांधा गया। इसके प्रांत परियोजना प्रमुख मधुवन यादव ने विदेशी धर्म पुस्तक वापस लेकर भगवत गीता के साथ इनको हनुमान चालीसा और स्वामी अडग़ड़ानंद की पुस्तक श्हमारा वंश प्रमाण परिचयश् का वितरण किया। मालूम होकि पिछले साल दिसंबर में आगरा में घर वापसी को लेकर काफी हंगामा हुआ था। यहां 60 मुस्लिम परिवारों के 250 लोगों ने हिंदू धर्म अपना लिया था। मुसलमान से हिंदू बने कुछ परिवारों के सदस्यों ने आरोप लगाया था कि आरएसएस और बजरंग दल के सदस्यों ने पैसे और राशन कार्ड का लालच देकर उनका धर्म परिवर्तन कराया। वहीं बजरंग दल ने कहा था कि उन्होंने किसी को किसी भी तरह का लालच नहीं दिया था।इसके अलावा अलीगढ़ में बीते 17 अगस्त को नागराज नाम का 22 साल का युवक अब्दुल्लाह बन गया था। परिजनों का आरोप है कि उसे धमका कर इस्लाम कुबूल कराया गया था। इसके साथ ही उसके पूरे परिवार को भी इस्लाम कुबूल करने के लिए लालच दिया गया था। वहीं, 25 जून को बस्ती जिले के बैरिहवां मोहल्ले में रहने वाले गरीब परिवार के नाबालिग बच्चों को पैसों और नौकरी का लालच देकर धर्म परिवर्तन कराए जाने का मामला सामने आया था।