मोबाइल पर मैसेज भेजने की लेसा की योजना गड्ढे में

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विजय शुक्ला
लखनऊ। सौ दिन चले अढ़ाई कोस की तर्ज पर लेसा अपने काम को अंजाम दे रहा है। उपभोक्ताओं को उनके मोबाइल न बर पर एसएमएस के जरिए बिजली से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से लेसा ने जिस योजना का आगाज किया था फि लहाल अभी वह कछुए की चाल से आगे बढ़ रही है। तकरीबन साढ़े तीन साल पहले पहले शुरू की गई लेसा ने अपनी इस मुहिम से अब तक महज साढ़े तीन लाख उपभोक्ता ही जोड़ पाए हैं। उन साढ़े तीन लाख उपभोक्ताओं में से ज्यादा से ज्यादा उपभोक्ताओं को मैसेज भी नहीं पहुंच पा रहे हैं। जिससे लेसा की यह योजना फि लहाल फ लीभूत होती नजर नहीं आ रही है।
मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने शहर के बिजली उपभोक्ताओं को बिजली से जुड़ी ज्यादा से ज्यादा जानकारियां उनके मोबाइल पर ही उपलब्ध कराई जा सकें इसके लिए विभाग को सभी उपभोक्ताओं के व्यक्तिगत न बर जोडऩे का निर्देश दिया था। जिसके तहत आज से करीब साढ़े तीन साल पहले ईपीडीआरपी योजना के तहत लेसा ने शहर के सभी उपभोक्ताओं को बिजली विभाग से सीधे तौर से जोडऩे के लिए उनके व्यक्तिगत मोबाइल न बरों को जोडऩे का बीड़ा उठाया। लेकिन लेसा अपनी इस योजना में अभी तक आधा ही सफल हो पाया है। जबकि इस सफ र को तय करने में उसे सालों लग गए। जो कहीं न कहीं लेसा की विफ लता का परिचायक है। मु यमंत्री के निर्देशों पर भी बिजली विभाग के अधिकारी कितनी संजीदगी दिखाते हैं इसका यह जीता जागता उदाहरण है। बिजली विभाग के ही अधिकारियों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि लेसा के उच्चाधिकारियों के लापरवाही बरतने पर विगत 15 मई को प्रमुख सचिव ऊर्जा की ओर से पत्र भेजकर काम में तेजी लाने का निर्देश दिया गया है। जिसके बाद अब एक बार फिर अधिकारी नींद से जागने की तैयारी कर रहे हैं। राजधानी में वर्तमान में कुल साढ़े सात लाख उपभोक्ता हैं ऐसे में अभी भी चार लाख से ज्यादा उपभोक्ता लेसा की पहुंच से बाहर हैं। शेष चार लाख उपभोक्ताओं को कब तक लेसा यह सुविधा मुहैया करा पाएगा इसके बारे में जि मेदार अधिकारी ही पूरी तरह से अनजान हैं। ज्यादातर उपभोक्ताओं के न बर जुट सकें इसके लिए पूर्व में उपकेंद्र पर बिल जमा करने वाले उपभोक्ताओं से लेसा ने उनका व्यक्तिगत न बर बिल पर लेने का प्रावधान किया था, लेकिन समय कटता गया और लेसा अधिकारियों की लापरवाही साफ नजर आने लगी। आलम यह है कि अब न ही बिजली के बिल जमा करने गए उपभोक्ताओं से न बर ही पूछा जा रहा है और न ही विभाग ने कोई ऐसी व्यवस्था ही दी है जिसके तहत उपभोक्ता का मोबाइल न बर लेसा के पास उपलब्ध हो सके। बिजली विभाग के ही कर्मचारी बताते हैं कि पूर्व में कई उपकेंद्रों व बिलिंग केंद्रों पर ऐसी पट्टिïयां भी लगाई गई थीं जिनसे उपभोक्ताओं को अपने व्यक्तिगत न बर लेसा को उपलब्ध कराने पर मिलने वाली सुविधाओं को इंगित किया गया था। लेकिन समय बीतने के साथ ही सारा काम खत्म हो गया। वर्तमान स्थिति यह है कि पिछले काफी समय से कोई भी उपभोक्ता बिजली विभाग से अपने व्यक्तिगत मोबाइल न बर के साथ जुड़ा नहीं है। जो उपभोक्ता जुड़े भी हैं उनके पास न बिजली का बिल जमा होने का कोई मैसेज जा रहा है और न ही बिजली फाल्ट किस कारण से हुआ है या कितनी देर में बिजली आपूर्ति शुरू हो जाएगी, किस वजह से आपूर्ति बाधित है ऐसी कोई भी जानकारी फिलहाल नहीं जा रही है।