गहराता जा रहा है राज्य संग्रहालय के सिक्कों का राज

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सुशील सिंह
लखनऊ। राज्य संग्रहालय में कथित रूप से हुए प्राचीन मुद्राओं की हेरा फेरी वहां के कार्यवाहक निदेशक की गले की इस कदर फांस बनती जा रही है कि वह इस मामले को दबाने के लिए तरह तरह के हथकंडे अपनाने में जुटे हुए हैं।
ताजा मामला यह सामने आया है कि संग्रहालय के निदेशक डा. अजय कुमार पाण्डेय द्वारा संग्रहालय में संग्रहित सोने,चांदी व अन्य धातुओं के कीमती सिक्कों में हुए गडबड़ी पर पर्दा डालने के लिए सचिव संस्कृति को पत्र लिख कर जिस समित गठित किये जाने की बात कही गयी हैं तथा उक्त समिति में जो तीन नाम सुझाये हैं उनका कहीं न कहीं उनसे सीधा संबंध है।
जानकारी के मुताबिक निदेशक डा. पाण्डेय ने सिक्कों के घपले में हुई त्रुटियों के निराकरण के जिन तीन सदस्यों को नामित किया है उनमें लखनऊ विश्वविद्यालय में प्राचीन भारतीय इतिहास एवं पुरातत्व विभाग के प्रोफेसर डा. प्रशांत श्रीवास्तव, राजकीय संग्रहालय अल्मोड़ा के पूर्व निदेशक डा. वी.एन. श्रीवास्तव और राज्य संग्रहालय लखनऊ के पूर्व निदेशक और मुद्राशास्त्र अधिकारी डा. अरविन्द कुमार श्रीवास्तव है। इस बारे में जब लखनऊ विश्वविद्यालय के प्रोफसर डा. प्रशांत श्रीवास्तव से मुद्राओं के संग्रह में कथित रूप से हुई त्रुटियों के निराकरण के लिए बनायी जा रही समिति में नाम होने की बात पूछी गयी तो उन्होंने इस प्रकार की कोई जानकारी नहीं होने की बात कह कर अपना पल्ला झाड़ लिया। सूत्रों का तो यहां तक कहना है कि समिति के दूसरे सदस्य जो अल्मोड़ा के राजकीय संग्रहालय में निदेशक थे उनके उपर भी वहां के संग्रहालय में संग्रहित मुद्राओं के हेर फेर का आरोप लग चुका है वहीं तीसरे सदस्य जो कि राज्य संग्रहालय में निदेशक एवं मुद्राशास्त्र अधिकारी रह चुके है कि आंखों की रोशनी इतनी कमजोर हो चुकी है वह अब ठीक से देख भी नहीं सकते है। ऐसे में संग्रहालय के निदेशक द्वारा समिति में इन नामों को सुझाया जाने अपने आप में सवाल खड़ा करता है।
विभाग के जानकारों का मानना है कि डा. अजय कुमार पाण्डेय जो कि राज्य संग्रहालय झांसी के उपनिदेशक है को कामचलाऊ व्यवस्था के तहत लखनऊ संग्रालय के निदेशक का कार्यभार सौंपा गया है। विभाग में किसी भी प्रकार की हुई गड़बड़ी या किसी प्रकार की जांच या समिति गठित किये जाने का अधिकार नहीं है यह कार्य पूर्ण कालिक निदेशक ही कर सकता है ऐसे में डा. पाण्डेय द्वारा सचिव संस्कृति को इस अस्थायी समिति के गठन के लिए निवेदन करना सेवा नियमावली के विरूद्ध है।