कूलर-एसी कर दें बंद, हो सकता है निमोनिया

cooler and acहेल्थ डेस्क। तेजी से बदलते मौसम में सुबह और शाम के तापमान में गिरावट आ रही है। ऐसे में अगर आप अपने बच्चों को कूलर या एसी में सुलाते हैं तो इस बात का खयाल रखें कि देर रात एसी और कूलर बंद कर दें।
अगर आपने इसमें जरा-सी भी असावधानी बरती तो बच्चे को निमोनिया हो सकता है। कोशिश करें कि बच्चा जिस कमरे में सो रहा है उसका तापमान देर रात से सुबह तक सामान्य बना रहे। लोहिया अस्पताल, सिविल अस्पताल और बलरामपुर अस्पताल की बाल रोग विभाग की ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या अचानक बढ़ गई है, जिन्हें ठंड के चलते निमोनिया हो गया है। बचाव के उपाय -मरीज को ऐसे कमरे में लिटाएं जिसका तापमान सामान्य हो। चाय, गर्म पानी और फलों का जूस देते रहें। -गर्म पानी में लौंग, तुलसी के पत्ते डालकर पिलाएं। -बच्चों को निमोनिया में केसर मिलाकर दूध पिलाएं।
लक्षण त्वचा का नीला पडऩा, उल्टी, थकान, भूख न लगना, जोड़ों और मांसपेशियों का दर्द, सीने में दर्द, उलझन, तेज बुखार, सर्दी लगकर शरीर ठंडा पड़ जाना, सिर दर्द, सूखी खांसी, खांसने पर कम मात्रा में कफ आना। लोहिया अस्पताल के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ़. जीके सिंह ने बताया कि ओपीडी में निमोनिया के ऐसे भी मरीज आते हैं, जिन्हें देर रात घर से बाहर निकलने पर ठंड लग जाती है। बीआरडी के डॉ़. मनीष शुक्ला ने बताया कि देर रात तापमान गिरने के बाद भी एसी और कूलर चलने से बच्चों को निमोनिया, सर्दी जुकाम और ब्रांकाइटिस हो रहा है। उनकी ओपीडी में ऐसे मरीजों की संख्या बढ़ रही है। डॉ़. मनीष के मुताबिक, निमोनिया में बरती गई जरा-सी लापरवाही बच्चे की सेहत के लिए नुकसानदेह साबित हो सकती है। लोहिया अस्पताल के ही फिजिशन डॉ़.संदीप चौधरी ने बताया कि सर्दी में अक्सर लापरवाही के चलते अक्सर छोटे बच्चों को निमोनिया हो जाता है। उन्होंने बताया कि तेजी से बदलते मौसम में बच्चों को देर रात घर से बाहर ले जाते समय गर्म कपड़े जरूर पहनाएं। डॉ़. चौधरी ने बताया कि छोटे बच्चों और नवजात शिशुओं में निमोनिया का कोई लक्षण दिखाई नहीं देता है। लेकिन बच्चा अगर बीमार लगे तो लापरवाही न करें और उसे तुरंत किसी डॉक्टर को दिखाएं।