ललित गर्ग। चुनाव आयोग द्वारा पांच राज्यों उत्तर प्रदेश, पंजाब, उत्तराखंड, मणिपुर व गोवा का चुनावी कार्यक्रम घोषित करने के बाद चुनावी सरगर्मियां तेज हो गयी है। चुनाव आयोग ने 4 फरवरी से लेकर 8 मार्च तक मतदान का कार्यक्रम विभिन्न चरणों में घोषित किया है। इसके साथ ही इन राज्यों में चुनाव आचार संहिता भी लागू हो गई है। अब मतदाताओं के हाथ में राजनीतिक दलों और नेताओं के भाग्य की कुंजी आ गई है। पांच राज्यों के चुनाव महत्वपूर्ण है और यही कारण है कि राजनीतिक दल अपने-अपने…
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शशिकला नटराजन को सत्ता व संगठन में नहीं कोई चुनौती
कृष्णमोहन झा। तमिलनाडु की दिवंगत मुख्यमंत्री जयललिता की राजनीतिक विरासत को संभालने के लिए उनकी सहेली शशिकला नटराजन का परोक्ष दावा ही सबसे मजबूत माना जा रहा था और इसके पहले चरणा के रूप में उन्हें अन्नाद्रमुक के महासचिव पद से नवाजने का फैसला गत दिवस पार्टी की जनरल कौंसिल की बैठक में आम सहमति से ले लिया गया। बैठक में पारित प्रस्ताव शशिकला नटराजन ने अगर बिना किसी संकोच के स्वीकार कर लिया तो इससे यही अनुमान लगाया जा सकता है कि उन्हें पार्टी महासचिव पद की बागडोर अपने…
Read Moreगांव, गरीब और किसान की सुध शुभ आहट
ललित गर्ग। भ्रष्टाचार एवं कालेधन पर नकेल कसने के उद्देश्य से की गयी नोटबंदी के पचास दिनों के चुनौती एव ंसंघर्षभरे दौर की सम्पन्नता को हम बीत वर्ष की उपलब्धि के रूप में देख सकते हंै। नोटबंदी के अवधि की सम्पन्नता एवं नववर्ष पर प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के राष्ट्र के नाम विशेष उद्बोधन को लेकर जनता में एक आशंका थी कि कहीं फिर कोई फरमान जारी न कर दें, जो आम जनता के लिये तकलीफ का सबब बन जाये। लेकिन ऐसा नहीं हुआ और प्रधानमंत्री ने भविष्य के शक्तिशाली…
Read Moreनववर्ष की राह: शांति की चाह
ललित गर्ग। नया वर्ष है क्या? मुड़कर एक बार अतीत को देख लेने का स्वर्णिम अवसर। क्या खोया, क्या पाया, इस गणित के सवाल का सही जवाब। आने वाले कल की रचनात्मक तस्वीर के रेखांकन का प्रेरक क्षण। क्या बनना, क्या मिटाना, इस अन्वेषणा में संकल्पों की सुरक्षा पंक्तियों का निर्माण। ‘आजÓ, ‘अभीÓ, ‘इसी क्षणÓ को पूर्णता के साथ जी लेने का जागृत अभ्यास। नये वर्ष की शुरूआत हर बार एक नया सन्देश, नया संबोध, नया सवाल लेकर आती है। इस वर्ष का हमारा भी कोई-न-कोई संकल्प हो और यह…
Read Moreकितना नफा-नुकसान
नोटबंदी के बारे में सरकार द्वारा लाए जा रहे अध्यादेश को लेकर मीडिया से लेकर आम लोगों तक तरह-तरह की बातें चल रही हैं। इसमें 1000 और 500 के पुराने नोटों को कानूनी तौर पर रद्द किया जाना और खरीद-फरोख्त के लिए इनके उपयोग को गैरकानूनी बनाए जाने की बात तो तय है, लेकिन किसी के पास इनकी निश्चित मात्रा पाए जाने पर जुर्माने और सजा की मात्रा राष्ट्रपति द्वारा अध्यादेश पर दस्तखत हो जाने के बाद ही जानी जा सकेगी। यहां एक बात पर गौर करना जरूरी है कि…
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