ललित गर्ग। सुभाष लखोटिया के प्रशंसकों एवं चहेतों के लिए यह विश्वास करना सहज नहीं है कि वे अब इस दुनिया में नहीं रहे। भारत के शीर्ष टैक्स और निवेश सलाहकार के रूप में चर्चित एवं सीएनबीसी आवाज चैनल पर चर्चित शो ‘टैक्स गुरुÓ के 500 से अधिक एपिसोड पूरा कर विश्व रिकार्ड बनाने वाले श्री लखोटिया अनेक पुस्तकों के लेखक थे। वे पिछले कई दिनों से जीवन और मौत से संघर्ष कर रहे थे। उनको कैंसर था। डाक्टरों ने बहुत पहले उनके न बचने के बारे में कह दिया…
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नयी सोच देगी भरपूर बिजली
जयश्री सेनगुप्त। भारत के इतिहास में वह लम्हा बहुत शानदार होगा जब इसके सभी 6 लाख गांवों में शाम ढले बिजली की जगमग से उजियाला हुआ करेगा। दुर्भाग्य की बात है कि आज की तारीख तक यह दृश्य संभव नहीं हो पाया है। गांवों में बसने वाली लगभग 30 करोड़ आबादी अभी भी बिजली की सुविधा से महरूम है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में अपने स्वतंत्रता-दिवस भाषण में ग्रामीण भारत के विद्युतीकरण की बात कही है। उन्होंने देशभर में चौबीसो घंटे-सातों दिन बिजली मुहैया करवाने का यह दुरूह…
Read Moreआपके विचार बनाते हैं आपका व्यक्तित्व
ललित गर्ग। हर व्यक्ति अपना व्यक्तित्व विकास करना चाहता है, उसमें अपने स्वयं के व्यक्तित्व के विकास की क्षमता होनी चाहिए। अंतत मनुष्य अपने व्यक्तित्व का निर्माता स्वयं ही है। एक कहावत है कि मनुष्य जैसा सोचता है वैसा ही बन जाता है। आप अपने मन के स्वामी हैं, जैसा आप अपने बारे में सोचेंगे, वैसे आप बन जायेंगे। स्वयं में जिन भावों को स्थान देंगे उन भावों के परिणाम के पात्र भी आप ही होंगे। दु:ख के भाव को आपने अपने मन में स्थान दिया है तो उसके पात्र…
Read Moreसभ्यता से बर्बरता की तरफ बढऩे के आंसू
ललित गर्ग। हाल ही में नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) की रिपोर्ट में चैंकानेवाले तथ्य सामने आये हैं, जो नैतिक एवं चारित्रिक मूल्यों के घोर पतन को बयां करते हैं। इस रिपोर्ट में यह कहा जाना कि दिल्ली में दुष्कर्म के 90 फीसद से अधिक मामलों में आरोपी पीडि़त के परिचित या पारिवारिकजन ही होते हैैं, नये बनते समाज की बुनावट पर सवालिया निशान है। चारित्रिक धुंधलको ने ही मनुष्य के विवेक पर पर्दा डाल दिया है। इसी का परिणाम है कि आज चरित्र हनन एवं दुष्कर्म की घटनाएं चैंकाती…
Read Moreआचार्य विनोबा भावे: रोशनी जिनके साथ चलती थी
ललित गर्ग। महापुरुषों की कीर्ति किसी एक युग तक सीमित नहीं रहती। उनका लोकहितकारी चिन्तन कालजयी होता है और युग-युगों तक समाज का मार्गदर्शन करता है। आचार्य विनोबा भावे हमारे ऐसे ही एक प्रकाश स्तंभ है, जिनकी जन्म जयन्ती 11 सितम्बर को मनाई जाती है। वे अपने समय के सूर्य थे। रोशनी उनके साथ चलती थी। वे संतों की उत्कृष्ट पराकाष्ठा थे, भारत के स्वतंत्रता संग्राम सेनानी, सामाजिक कार्यकर्ता तथा प्रसिद्ध गांधीवादी नेता थे। उनका मूल नाम विनायक नरहरी भावे था। वे भारत में भूदान तथा सर्वोदय आन्दोलन प्रणेता के…
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