आय बढऩे से ही मिटेगी गरीबी

डॉ. भरत झुनझुनवाला। केन्द्रीय आवास एवं शहरी, गरीबी उन्मूलन मंत्रालय ने गरीबों के लिये मकान बनाने को राज्य सरकारों से आग्रह किया है। मंत्रालय ने तीस लाख घर प्रति वर्ष बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इस योजना को राज्य सरकारों के माध्यम से लागू किया जायेगा। योजना के अंतर्गत गरीब परिवारों को ब्याज पर 6.5 प्रतिशत की सब्सिडी दी जायेगी। यदि गरीब परिवार को बैंक से 12 प्रतिशत की दर से ऋण मिलता है तो उसे केवल 5.5 प्रतिशत ही स्वयं अदा करना होगा। शेष 6.5 प्रतिशत ब्याज सरकार…

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अंधविश्वास की भारत में गहरी होती जड़ें

विमल शंकर झा। वैश्वीकरण के दौर में तेजी से बदलते भारत में बहुत कुछ बदल रहा है । हाईटैक हो चले माहौल में विकास के साथ समझ और जीवन के आसान होने को एक बड़े बदलाव के रुप में देखा जा रहा है । गांव कस्बे, कस्बे शहर, और शहर महानगरों में बदल रहे हैं। शैक्षणिक, बौद्धिक, सत्ता व सरकारी प्रतिष्ठानों में प्रगति और समाज की जागरुकता के यशोगान गाए जा रहे हैं । मगर सामाजिक चेतना की इस लहर से समाज का एक बड़ा वर्ग आज भी अछूता प्रतीत…

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पाकिस्तान से सदाशयता की उम्मीद बेमानी

कृष्णमोहन झा। भारत अपने पड़ोसी देश पाकिस्तान के साथ बातचीत के जरिए संबंध सुधार की कोशिशों से कभी पीछे नहीं हटा है परंतु जब जब उसने ऐसी कोई पहल की है तब तब उसे निराशा ही हाथ लगी है। भारत की सदाशयता का उत्तर पाकिस्तान ने हमेशा किसी सोची समझी शरारत से ही दिया है और सारा दोष भारत के सर पर मढऩे में उसने कभी शर्म भी महसूस नहीं की। भारत में 23 एवं 24 अगस्त को दोनों देशों के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकारों के बीच होने वाली बैठक के…

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गुजरात से उभरा एक वैकल्पिक सत्य

हरीश खरे। नरेन्द्र मोदी क्योंकि बहुत ही चुस्त व्यक्ति हैं, वह इस तथ्य को पहचानने वाले पहले व्यक्ति होंगे-हालांकि वह इसे सार्वजनिक तौर पर स्वीकार नहीं करेंगे-कि अगस्त 25, 2015 वह दिन है जब गुजरात ने अंतत: उन्हें अस्वीकार करने की प्रक्रिया शुरू की। भावी इतिहासकार 25 अगस्त को एक ऐसी तिथि के रूप में अंकित कर सकते हैं जिस दिन सब कुछ छितरा गया और मोदी की राजनीतिक ढलान शुरू हो गयी। यह अतिरंजनापूर्ण बयान है? अतिशयोक्ति है? एक खयाली पुलाव है? मार्च 2002 से अगस्त 24, 2015 तक नरेन्द्र…

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फिर असंतोष की गिरफ्त में नेपाल

पुष्परंजन। पश्चिम नेपाल का टीकापुर, थारू बनाम गैर थारू राजनीति का केंद्र बन गया है। बीते सोमवार को निहायत ही नृशंस हिंसा की वारदात में हेड कांस्टेबल राम बिहारी चौधरी को जिंदा जला दिया गया, एसएसपी लक्ष्मण न्योपाने समेत सात पुलिसकर्मियों के टुकड़े कर दिये गये। हिंसा में दो साल का एक बच्चा भी मारा गया है। दर्जनों पुलिस वाले गंभीर रूप से घायल हैं। इस घटना से नेपाल ही नहीं, पूरा विश्व स्तब्ध है। नेपाल में 17 लाख थारू हैं, जो अलग थारू प्रदेश की मांग लंबे समय से…

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