अब बच्चों को भी लगेगा कोरोना का देसी टीका

नई दिल्ली। भारत बायोटेक के कोवैक्सिन को 2-18 साल के बच्चों के लिए आपातकालीन उपयोग की मंजूरी मिल गई है। यह मंजूरी कोविड-19 को लेकर गठित विशेषज्ञ समिति ने दी है। हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक ने सितंबर में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों पर कोवैक्सिन के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षणों को पूरा किया था। इसके बाद महीने की शुरुआत में ड्रग्स एंड कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया के समक्ष परीक्षण डेटा जमा कराया था। विशेषज्ञ पैनल ने एक बयान में कहा, “विस्तृत विचार-विमर्श के बाद, समिति ने…

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एनसीआर में बढ़ा डेंगू का कहर: लगातार बढ़ रहे मामले

नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली सहित एनसीआर के इलाको में डेंगू का डंक तेजी से बढ़ता जा रहा है। दिन-प्रतिदन बढ़ते मामलों ने नगर निगमों और डॉक्टरों की चिंता बढ़ा दी है। अकेले गाजियाबाद में जहां अभी तक दो हजार जगहों पर डेंगू का लार्वा मिल चुका है। वहीं, दिल्ली में इस सीजन में डेंगू के कम से कम 480 मामले सामने आए हैं, जिनमें करीब 140 मामले अक्टूबर में मिले हैं। 2 अक्टूबर तक यहां कुल मामलों की संख्या 341 थी। हालांकि, राहत की बात यह है कि इस साल…

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गो कोरोना गो: देश में बचे केवल 2 लाख 70 हजार केस

नई दिल्ली। देशभर में एक बार फिर से कोरोना के 20 हजार से ज्यादा नए केस आए हैं। बीते 24 घंटे के अंदर कोरोना संक्रमण के 22 हजार 842 मामले आए हैं वहीं, इस दौरान 25 हजार 930 कोरोना मरीज ठीक भी हुए हैं। कोरोना से बीते एक दिन में देश भर के अंदर 2444 लोगों की जान भी गई है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक, अब देश में कोरोना के इलाजरत मरीज यानी एक्टिव केस घटकर 2 लाख 70 हजार 557 हो गए हैं। यह आंकड़ा बीते 199 दिनों के…

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अजब कारनामा: बच्चे पैदा हुए 36 हजार, टीका लगा 56 हजार

गाजियाबाद। स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों में गड़बड़ी का एक और मामला सामने आया है। पिछले छह माह में जिले में 36 हजार बच्चों ने जन्म लिया है। वहीं आंकड़ों में अपडेट किया गया है कि बीसीजी का टीका 56 हजार बच्चों को लगाया गया है। बीसीजी का टीका बच्चे को केवल एक बार ही लगता है। स्वास्थ्यकर्मियों ने बच्चों से ज्यादा टीका लगा दिया। इस मामले में सीएमओ ने जांच कराने की बात कही है। जिले में हाल ही में कोरोना की वैक्सीन चोरी का मामला सामने आया था, जिसमें…

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जिंदगी नहीं, डिप्रेशन को कहिये बाय-बाय

गौरव खरे। डिप्रेशन आज भारत के लोगों की जिंदगी का हिस्सा बन चुका है। आज हम सब अपने परिवारों से दूर होते जा रहे हैं और अकेलेपन का शिकार हो रहे हैं वैसे तो चिंता करना जरूरी है लेकिन जब यह हमारी जिंदगी का हिस्सा बन जाए और डिप्रेशन जैसी बीमारी रूप लेकर इंसान को मानसिक रोगी बना दे तब यह एक गंभीर मुद्दा बन जाता है और रोगी के साथ परिवार के लिए भी एक चिंता का मुद्दा बन जाता है।डिप्रेशन में रोगी अपनी परेशानी किसी को नहीं बताता…

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