फीचर डेस्क। यदि आपको अक्सर गुस्सा आता है और आप अपने साथी पर बेवजह चीखते-चिल्लाते हैं, तो आपको अपने खून में ग्लूकोज के स्तर की जांच करानी चाहिए। ग्लूकोज का स्तर सामान्य से कम होने पर लोग गुस्सैल और आक्रामक हो जाते हैं। ओहियो स्टेट यूनिवर्सिटी में संचार एवं मनोविज्ञान के प्रोफेसर ब्रैड बुश्मैन ने कहा कि अध्ययन में पता चला कि किस तरह भूख जैसा सामान्य सा कारक भी परिवार में कलह, लड़ाई-झगड़ों और कभी-कभी घरेलु हिंसा की भी वजह बन जाता है। शोध में 107 विवाहित युगलों पर…
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एलोवेरा के 7 अनूठे असरकारी फायदे
फीचर डेस्क। इन दिनों एक हर्बल खासी चर्चा में है। सौन्दर्य निखार के लिए हर्बल कॉस्मेटिक प्रोडक्ट के रूप में बाजार में एलोवेरा जैल, एलोवेरा बॉडी लोशन, एलोवेरा हेयर जैल,एलोवेरा स्किन जैल, एलोवेरा शैंपू, एलोवेरा साबुन, एलोवेरा फेशियल फोम, और एलोवेरा ब्यूटी क्रीम में ब्यूटी पार्लरों में धड़ल्ले से प्रयोग हो रहा है। ग्वारपाठा, अलोवेरा, एलोवेरा, एलोविरा, ऐलोवेरा नाम से पुकारी जाने वाली यह जड़ीबूटी ना सिर्फ सौन्दर्य उत्पादों में बल्कि कई असाध्य रोगों में औषधि के रूप में भी प्रयोग की जा रही है। इसके गुण जितने चमत्कारी हैं…
Read Moreनींद की कमी से हो सकते हैं गंभीर परिणाम
फीचर डेस्क। नींद की कमी हमारी नियमित दिनचर्या को बुरी तरह प्रभावित करती है। एक अध्ययन में कहा गया है कि पर्याप्त नींद नहीं ले पाने के कारण एक व्यक्ति लोगों के चेहरे के भाव को ठीक से नहीं पढ़ पाता। नींद की कमी के गंभीर परिणाम हो सकते हैं। नींद की कमी से जूझता एक व्यक्ति यह तक ठीक से भांप पाता कि एक बच्चा बीमार है या फिर पीड़ा में है। साथ ही साथ इस तरह के व्यक्ति यह भी अंदाजा नहीं लगा सकते कि कोई लुटेरा या…
Read Moreइन उपायों से पायें खर्राटों से छुटकारा
फीचर डेस्क। अगर आपके खर्राटों से आपका पार्टनर या फिर आपके बच्चे परेशान हैं या वो सो नही पाते हैं तो आप परेशान ना हो क्योकिं इसका भी इलाज संभव हो सकता हैं। जी हां, एक साधारण सा व्यायाम हैं जो शर्तिया आपको इस समस्या से निजात दिलाने में मदद कर सकता है। शोध में यह पाया गया है कि ये व्यायाम खर्राटों को 36 फीसदी और खर्राटों की तीव्र आवाज को 59 फीसदी तक कम कर सकते हैं। अमेरिका के युनिवर्सिटी ऑफ केंटुकी कॉलेज ऑफ मेडिसिन में स्लीप लेबोरेटरी…
Read Moreआहार में लाएं विविधता, रहें सेहतमंद
फीचर डेस्क। एक शोध में कहा गया है कि आपका आहार जितना विविधतापूर्ण होगा, आपके देर तक स्वस्थ बने रहने की संभावनाएं उतनी ही बेहतर होंगी। अमेरिका की जैव प्रौद्योगिकी कंपनी माइक्रोबायोम थेराप्यूटिक्स के उपाध्यक्ष एवं मुख्य वैज्ञानिक अधिकारी मार्क हीमन ने कहा कि बीते 50 वर्षो के दौरान आहार विविधता की कमी मोटापा, टाइप 2 मधुमेह, गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल तकलीफें और अन्य बीमारियां बढऩे की मुख्य वजह हो सकती है। हीमन ने कहा कि हमारे पेट के बैक्टीरिया को बेहतर तरीके से काम करने के लिए विविधतापूर्ण आहार की जरूरत होती…
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