कश्मीर में चौथे स्तंभ के अस्तित्व पर खतरा

KASHMIR_BURHAN_PROTEST_श्रीनगर। हिजबुल कमांडर बुरहान वानी के एनकाउंटर के बाद कश्मीर में पनपी हिंसा का कोई समाधान होते नहीं दिख रहा है। घाटी में लगातार हिंसा की खबरे सामने आ रही है। सरकार ने बढ़ती हिंसा को काबू करने के लिए शनिवार से सुचनाओं पर पाबंदी लगा दी। कश्मीर में प्रशासन ने अखबारों की छपाई पर रोक लगा दी है साथ ही साथ केबल टीवी के प्रसारण को भी रोक दिया गया है। खबरों की माने तो कुछ अखबारों की प्रतियां भी जब्त की गई।
बताया जा रहा है कि कश्मीर में प्रेस पर पाबंदी की यह घटना 1990 के बाद पहली बार हुई है।
जम्मू-कश्मीर सरकार के एक मंत्री ने कहा कि पाकिस्तानी चैनल यहां के केबल टीवी नेटवर्क की मदद से समस्या बढ़ाने की कोशिश कर रहे थे। उन्होंने कहा कि कुछ अखबार भी हिंसा को बढ़ावा देने की कोशिश कर रहे थे।
कश्मीर घाटी में पुलिस ने शुक्रवार रात प्रिंटिंग प्रेस पर छापा मारकर उर्दू और अंग्रेजी के बड़े अखबारों की प्रतियां जब्त कर लीं। प्रकाशकों ने अपनी-अपनी वेबसाइटों पर दावा किया कि उनकी छपी हुई कॉपियां जब्त कर ली गईं और प्रिंटिंग प्रेस के लिए काम करने वाले लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया।
घाटी में मोबाइल नेटवर्क गुरुवार शाम से निलंबित है और 8 जुलाई को हिजबुल कमांडर बुरहान वानी (22) के सुरक्षा बलों के हाथों मारे जाने के बाद से यहां मोबाइल इंटरनेट सेवा भी बंद है। फिलहात भी घाटी में अशांति बनी हुई है। अलगाववादियों ने लोगों से सोमवार तक बंद रखने का आह्वान किया है। घाटी में एकमात्र भारत संचार निगम लिमिटेड (बीएसएनएल) की मोबाइल सेवा और इंटरनेट कनेक्टिविटी के रूप में एकमात्र बीएसएनएल ब्रॉडबैंड सेवा चालू है।
बता दें कि हिंसा में अब तक 43 लोग मारे गए हैं। अभी तक सिक्युरिटी फोर्सेस के 1500 जवान सहित 3140 लोग घायल हुए हैं। कश्मीर में आठवें दिन भी हालात तनावपूर्ण बने रहे। घाटी के सभी 10 जिलों में लगातार कफ्र्यू जारी है।