एएमयू की पहल: सर सैयद की सहेजी मूर्तियां होंगी ऑनलाइन

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लखनऊ। सर सैयद अहमद खां ने अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एएमयू की स्थापना के साथ देशभर में घूम कर हिंदू देवी-देवताओं की प्राचीन मूर्तियों को सहेजा था। एएमयू प्रशासन उन प्रतिमाओं की जानकारी संस्थापक के जन्मदिन 17 अक्टूबर से ऑनलाइन करने जा रहा है। जानकारों के अनुसार एएमयू म्यूजियम में आज 27 प्रतिमाएं व पिलर व स्तूप हैं, इनमें नौंवीं व 10वीं शताब्दी का महावीर जैन का अद्भुत स्तूप भी है। इस 1.59 मीटर ऊंचे और 63 सेंटीमीटर चौड़े स्तूप का वजन करीब दो टन है। इसके चारो ओर आदिनाथ की 23 मूर्तियां हैं। शीर्ष पर महावीर जैन की मूर्ति थी, जो अब टूट चुकी है। सुनहरे पत्थर में बने स्तूप के निचले हिस्से में महावीर जैन विराजमान हैं। इसका पिलर, कंकरीट से बनीं सात देव प्रतिमाएं, शेष शैय्या पर लेटे भगवान विष्णु, कंकरीट के बने सूर्य भगवान भी म्यूजियम की शोभा बढ़ा रहे हैं। पहली व दूसरी शताब्दी की बुद्ध प्रतिमाएं भी अद्भुत हैं। बुद्ध यहां पद्मासन मुद्रा में हैं। बोध गया मंदिर भी बीच में हैए जिसके दोनों तरफ द्वारपाल भी हैं। बताते है कि सैयद अहमद की राजा जयकिशन दास से गहरी दोस्ती थी। 1863 में अलीगढ़ के डिप्टी कलक्टर व साइंटिफिक सोसायटी के संस्थापक सदस्य बने राजा जयकिशन ने सर सैयद को कुछ देव प्रतिमाएं भेंट की थीं। इन्हें सर सैयद ने साइंटिफिक सोसायटी के दफ्तर में रखवा दिया। इसके बाद उन्होने तमाम जगहों से जिनमें प्रमुख रूप से मथुरा, आगरा, लखनऊ, हाथरस, पिलखना, ऊपरकोट आदि स्थानों से भी दुर्लभ प्रकृति की चीजें जुटाई थीं।