प्रहलाद सबनानी। भारत में रोटी, कपड़ा और मकान को मूलभूत आवश्यकताओं की श्रेणी में गिना जाता है। परंतु, कोरोना वायरस महामारी के बाद की स्थितियों को देखते हुए अब यह कहा जा सकता है कि रोटी, कपड़ा और मकान के साथ ही स्वास्थ्य सेवाओं को भी अब इसी श्रेणी में गिना जाना चाहिए। अब समय आ गया है कि देश के हर नागरिक को रोटी, कपड़ा, मकान, स्वास्थ्य सुविधायें एवं शिक्षा सुविधाओं का अधिकार प्रदान किया जाना चाहिए। संविधान में यूं तो देश के नागरिकों को मुफ़्त स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध…
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बाइस्कोप जिंदगी : महत्वकांक्षाओं और उनके बिखरने की कहानी
डेस्क। कोरॉना काल के ठीक बाद की अनलॉक अवधि में ‘शैडो फिल्म प्रोडक्शन्स’ के बैनर तले बनी पहली फिल्म ‘बाइस्कोप जिंदगी’ का प्रीमियर और म्यूजक़ि रिलीज का कार्यक्रम अपराह्न शहर के हजरतगंज स्थित एक होटल में आयोजित किया गया,जिसमें फिल्म जगत से जुड़ी हस्तियां और शहर के अन्य गणमान्य लोग उपस्थित रहे।कार्यक्रम के अंतर्गत सबसे पहले फिल्म के गानों का आडियो रिलीज़ किया गया और इसके बाद फिल्म के प्रीमियर के अंतर्गत फिल्म का प्रदर्शन किया गया । ‘शैडो फिल्म प्रोडक्शन्स’ के सीईओ महेंद्र त्रिपाठी ने मीडिया को बताया कि…
Read Moreअयोध्या में भव्य श्रीराम मंदिर के साथ ही यह एक राष्ट्र मंदिर भी होगा
प्रहलाद सबनानी। पूज्य भगवान श्रीराम हमें सदैव ही मर्यादा पुरुषोत्तम के रूप में दिखाई देते रहे हैं। पूरे विश्व में भारतीय नागरिकों को प्रभु श्रीराम के वंशज के रूप में जानने के कारण, आज पूरे विश्व में हर भारतीय की यही पहचान भी बन पड़ी है। लगभग हर भारतीय न केवल “वसुधैव कुटुंबकम”, अर्थात इस धरा पर निवास करने वाला हर प्राणी हमारा परिवार है, के सिद्धांत में विश्वास करता है बल्कि आज लगभग हर भारतीय बहुत बड़ी हद्द तक अपने धर्म सम्बंधी मर्यादाओं का पालन करते हुए भी दिखाई…
Read Moreकुंडली में शनि : ऐसे करें प्रसन्न
डेस्क। शनि देव को कर्म फल दाता माना जाता है। कहते हैं कि शनि देव सभी को अच्छे-बुरे कर्मों के हिसाब से फल देते हैं। शनि के शुभ-अशुभ फल के कारण ही व्यक्ति धनवान या दरिद्र बनता है। ज्योतिषाचार्य संजय पाडें के अनुसार, शनि की खास स्थिति जातक के लिए धन प्राप्ति का रास्ता आसान कर सकती है। शनि की महादशा 19 साल तक चलती है। अगर शनि नकारात्मक हो तो साढ़े साती या ढैया में घोर दरिद्रता देता है। कुंडली में शनि की अच्छी स्थिति होने के बावजूद अगर…
Read Moreमजहबी स्वतंत्रता के नाम पर आर्थिक युद्ध
डॉ नीलम महेंद्र। धर्म अथवा पंथ जबतक मानव के व्यक्तिगत जीवन का हिस्सा बनने तक सीमित रहे, वो उसकी आध्यात्मिक उन्नति का माध्यम बन कर उसमें एक सकारात्मक शक्ति का संचार करता है। लेकिन जब वो मानव के व्यक्तिगत जीवन के दायरे से बाहर निकल कर समाज के सामूहिक आचरण का माध्यम बन जाता है तो वो समाज में एक सामूहिक शक्ति का संचार करता है। लेकिन यह कहना कठिन होता है कि समाज की यह समूहिक शक्ति उस समाज को सकारात्मकता की ओर ले जाएगी या फिर नकारात्मकता की…
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