बड़ा सवाल: कैसे रुकेगा काला धन

हरियाणा के हिसार से हवाई यात्रा कर दीमा नगर पहुंच जब्त हुए साढ़े तीन करोड़ रुपयों ने देश में ही कालेधन को सफेद कर सकने की संभावनाओं की ओर ध्यान आकर्षित किया है। नगालैंड के एकमात्र लोकसभा सदस्य निफू रिओ के दामाद ने इस धन पर अपना दावा पेश करते हुए कहा है कि हिसार में जमीन सौदे के लिए 500 और एक हजार रुपये नोटों में यह रकम भेजी गयी थी, जो सौदा न हो पाने के कारण वापसी आयी है। वैसे तो सांसद रिओ द्वारा केंद्र में राजग…

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नोट पर रोक: जानिए, आखिर जनता की खुशी का क्या है राज…

मफतलाल अग्रवाल। 500-1000 के नोट पर रोक के आदेश से जहां 16 दिन बाद भी पूरे देश में सड़क से लेकर संसद तक संग्राम छिड़ा है तो बैंक एवं एटीएम जनता की कसौटी पर खरे साबित नहीं हो रहे हैं। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के निर्णय से एक-दो दिन तो गरीबों एवं आम जनता में हर्ष की लहर नजर आ रही थी और वह मोदी की वाह-वाह करते नजर आ रहे थे। जब इसकी तहकीकात की तो उनका कहना था कि अब बनियों का कालाधन निकलकर आयेगा और उसका लाभ गरीबों…

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मन से मुलायम, इरादे लोहा हैं

  मधुकर त्रिवेदी।  सामान्यतः लोग सुविधा का जीवन जीना पसन्द करते हैं। नदी की धारा के अनुकूल बहना आसान होता है, लेकिन धारा के प्रतिकूल तैरना मुश्किल। कमजोर दिल-दिमाग वाला रास्ते की कठिनाईयों से ही विचलित हो जाता है। राजनीति में जो लम्बी पारी का दमखम बनाये रखता है, वही उसमें टिक पाता है। आजादी के बाद से ही नाम चमकते रहे जो अंग्रेजी साम्राज्य के खिलाफ लंबी जंग के सिपाही रहे थे। राष्ट्रीय स्तर पर बाद की पीढ़ी में चंद नाम चर्चित हुए। इसमें प्रांत से लेकर राष्ट्रीय स्तर…

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अमल करें आसान: जनता पर भारी न पड़े नोटबंदी

केंद्र सरकार द्वारा प्रावधानों-रियायतों में 9 दिनों में 18 बदलावों से भी इसी बात की पुष्टि होती है कि काले धन के लिए 500 और एक हजार रुपये के नोट बंद करते समय वह इसके प्रभाव और परिणाम का सही आकलन नहीं कर पायी। जाहिर है, गलत आकलन से तो अमल में कदम-कदम पर मुश्किलें आनी ही थीं। सरकार की इसी चूक का खमियाजा आम आदमी को भुगतना पड़ रहा है। उदाहरण के लिए अगर सरकार ने पहले ही एटीएम को 2000 रुपये के नये नोट के अनुकूल बना दिया…

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भारत-जापान बदली सुरक्षा संरचना

अवधेश कुमार। प्रधानमंत्री के रूप में नरेन्द्र मोदी का जापान दौरा वैसे तो कई मायनों में महत्त्वपूर्ण है. जो नौ समझौते हुए वे सब हमारे आर्थिक, रक्षा, शैक्षणिक, सांस्कृतिक संबंधों को प्रगाढ़ बनाने वाले हैं. किंतु नाभिकीय सहयोग समझौता इसमें सबसे ज्यादा अहम है. इसे यदि ऐतिहासिक कहा जाए तो भी अतिशयोक्ति नहीं होगी. हम जानते हैं कि भारत ने सबसे पहले द्विपक्षीय असैन्य नाभिकीय समझौता अमेरिका के साथ किया था. उसके बाद दुनिया के देशों से ऐसे समझौते और सहयोग का दरवाजा खुला. अभी तक भारत अमेरिका के अलावा…

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