लोकतांत्रिक इतिहास की दुखद घटना

ललित गर्ग। यह अपने आपमें लोकतंत्र के इतिहास की एक आश्चर्यकारी दुखद घटना है कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर आरोप लगा रहे हैं कि वे उनकी हत्या भी करवा सकते हैं। केजरीवाल का बयान आम-आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं के लिए वीडियो-संदेश के रूप में सामने आया है। केजरीवाल ने यह वीडियो सोशल मीडिया पर डाला है। 9.49 मिनट लंबे इस वीडियो में केजरीवाल ने अपने विधायकों से जेल जाने के लिए तैयार रहने को भी कहा है। उनका मत है कि मोदी और अमित शाह,…

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जुबानी जंग में गिरावट की होड़

उमेश चतुर्वेदी। भाजपा की उत्तर प्रदेश इकाई के पूर्व उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह की फिसली जुबान ने मायावती और उनकी बहुजन समाज पार्टी के लिए प्राणवायु का काम किया है। लोकसभा चुनावों के दौरान अपना जमीनी आधार खो चुकी बहुजन समाज पार्टी के लिए दयाशंकर की फिसली जुबान उठ खड़ा होने और अपने वोट बैंक को फिर से बटोर पाने का मौका बनकर आई। लोकसभा चुनावों के दौरान भाजपा को जो समर्थन मिला था, हाल के दिनों में उसमें गिरावट मानी जा रही थी। उसे जोडऩे-जुटाने में भाजपा तेजी से जुटी…

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जिन्दगी कठिन है, यह मानकर ही जीना चाहिए

ललित गर्ग। जिन्दगी कठिन है। यह कठिन इसलिये है कि हम अपनी क्षमताओं को पहचानते ही नहीं। अपने आपसे रू-ब-रू नहीं होते, लक्ष्य की तलाश और तैयारी दोनों ही अधूरेपन से करते हंै। इसी कारण जीने की हर दिशा में हम औरों के मुंहताज बनते हैं, औरों का हाथ थामते हैं, उनके पदचिन्ह खोजते हैं। आखिर कब तक औरों से मांगकर उधार सपने जीते रहेंगे? कब तक औरों के साथ तुलते रहेंगे और कब तक बैशाखियों के सहारे मीलों की दूरी तय करते रहेंगे यह जानते हुए भी कि बैशाखियां…

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त्रासद है उम्र की शाम का भयावह बनना

ललित गर्ग। पूरी दुनिया में वृद्धों का समाज बढ़ रहा है और उनकी खिलखिलाहट कम होती जा रही है। भारत सहित अगर हम दुनिया का आकलन करें तो 2050 तक दुनियाभर में साठ वर्ष की उम्र वाले लोगों की तादाद 11 से बढ़कर 22 फीसद हो जाएगी। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक बुजुर्गों की आबादी छह करोड़ से बढ़कर दो अरब हो जाएगी। देश के चैदह साल के उम्र के बच्चों की संख्या से उनकी तादाद ज्यादा होगी। यह तथ्य सुखद इसलिये प्रतीत हो रहा है कि औसत आयु बढ़…

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लाइलाज होता जलभराव का संकट

पंकज चतुर्वेदी। आषाढ़ में कुछ घंटे पानी क्या बरसा राजधानी दिल्ली व उससे सटे शहर ठिठक गए। सड़क पर दरिया था और नाले उफान पर। दिल्ली से सटे गाजियाबाद, नोएडा, गुडग़ांव जैसे शहर घुटने-घुटने पानी में डूबते दिखे। भोपाल में 10 से 12 फुट पानी था तो इंदौर में सभी मुख्य मार्ग जलमग्न थे। ऐसी ही खबरें लखनऊ, गोंडा हो या औरेया, गुवाहाटी हो या फिर मुंबई से आ रही हैं। पूरे देश में गर्मी से निजात के आनंद की कल्पना करने वाले अब बारिश के नाम से ही डर…

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