अपनी-अपनी सुविधा की असहिष्णुता

क्षमा शर्मा। मेरी भतीजी आस्ट्रेलिया में रहती है। वह इन दिनों भारत में है। उसकी ढाई साल की एक बच्ची भी है। उसने एक दिन कहा कि बुआ मैं जब आ रही थी तो मुझे मेरे भारतीय और आस्ट्रेलियाई दोस्तों ने कहा कि तुम इंडिया जा ही क्यों रही हो। वहां तो सरेआम लोगों को मारा जा रहा है। तुम्हारी छोटी बच्ची है, पता नहीं उसके साथ न जाने क्या हो। मगर यहां आकर देख रही हूं कि ऐसा तो कुछ भी नहीं है। इतनी नेगेटिव पब्लिसिटी क्यों। लगभग इसी तरह…

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शिवराज सरकार के दस साल पर झाबुआ हार का मलाल

श्याम यादव। तीसरी पारी में अपने सुशासन के 10 साल पूरे करने की मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान की सफलता को उनके पार्टी बड़े ही जोश और उत्साह के साथ मनाती अगर बीजेपी रतलाम झाबुआ संसदीय सीट को जीतने में कामयाब हो जाती। 29 नवम्बर को शिवराज सरकार के दस साल पूरे हो रहे है, लेकिन अब इस दिन इस हार की समीक्षा होनी है। अमूमन ये माना जाता है कि विधान सभा या लोकसभा या कोई भी उपचुनाव वहां की सत्तारुढ पार्टी अवश्य ही जीत जाती है…

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भाजपा को सिक्युलर शब्द से डर क्यों लगता है?

एस.आर. दारापुरी। संसद में संविधान दिवस पर बोलते हुए भाजपा के प्रतिनिधि राजनाथ सिंह ने फिर दोहराया है कि संविधान में सिक्युलर शब्द का समावेश अनावश्यक है और इस का बहुत दुरूपयोग हुआ है. उन्होंने आगे सिक्युलरिज्म को परिभाषित करते हुए कहा है कि इस का अर्थ धर्म-निरपेक्षता नहीं बल्कि पंथ-निरपेक्षता है। इस से पहले भी भाजपा और उस के सहयोगी इस शब्द पर इसी प्रकार की आपत्ति करते रहे हैं। यह ज्ञातव्य है कि संविधान की उद्देशिका में सिक्युलर और सोशलिस्ट शब्द का समावेश 42वें संविधान संशोधन द्वारा 1976…

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उड़ रहा है न्याय का मजाक

जिन पर कानून की सही-सही व्याख्या करने और उसे अमल में लाने की जवाबदेही है, वही कानून के साथ खिलवाड़ करने लगें तो इसे क्या कहा जाए? संसद द्वारा एक दशक पहले बनाए गए एक कानून का अदालतें ही गलत ढंग से पालन कर रही हैं। पिछले साल उन्होंने हत्या, डकैती और महिलाओं के साथ अत्याचार के 4000 से भी ज्यादा मामले अभियुक्तों और पीडि़तों के बीच समझौते कराकर निपटा दिए। नेशनल क्राइम रिकॉर्ड्स ब्यूरो के मुताबिक विभिन्न अदालतों ने मर्डर के 27, हत्या की कोशिश के 55, रेप के…

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पड़ोस में महाबाजार: सभी देशों के लिए सिंगल मार्केट

एशिया में यूरोपीय संघ जैसे ही एक नए आर्थिक ब्लॉक बनना बहुत बड़ी घटना है। हमें इसका फायदा उठाना चाहिए और इससे संभावित नुकसान की भरपाई के उपाय पहले से सोचकर रखने चाहिए। आसियान (दक्षिण-पूर्वी एशियाई देशों का संगठन) ने आसियान इकनॉमिक कम्युनिटी (एईसी) नाम से एक क्षेत्रीय आर्थिक ब्लॉक बनाने की घोषणा की है। इसमें ब्रुनेई, कंबोडिया, इंडोनेशिया, लाओस, मलेशिया, म्यांमार, फिलीपींस, सिंगापुर, थाईलैंड और वियतनाम शामिल हैं। एईसी इन सभी देशों के लिए पूरी तरह खुला हुआ एक ऐसा सिंगल मार्केट होगा, जिसमें पूंजी, सामान और स्किल्ड लेबर…

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