रोशनी पवित्रता का जीवन रक्त है

ललित गर्ग। विद्या, बुद्धि और कला-संपन्न व्यक्ति वही होता है, जो सहनशील, नम्र और मधुर व्यवहार वाला होता है। व्यवहार रेगिस्तान में नहीं पनपता। वह तो एक फूल है,जिसे खिलने के लिये उद्यान की जरूरत होती है। लोग सोचते है कि उन्हें व्यवहार करना आता है। लेकिन उन्हें व्यवहार करना सीखना होगा। सीखने की संभावना तो हैं उनमें, पर यह संभावना इसलिये निष्क्रिय हो जाती है कि वे समझते हैं कि उन्हें व्यवहार करना पहले से ही आता है। चीजें जैसी है उन्हें सीधे-सीधे वैसा ही देखने की कोशिश करना…

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त्योहारों में खत्म हो रही हैं भावनाएं

आरती रानी प्रजापति। भारत अजीब परिस्थितियों का देश है। एक तरफ देश में दलित, महिला, गरीब, छात्र-विरोधी गतिविधियां चल रही हैं दूसरी ओर समाज में त्यौहारों का माहौल हैं लोग एक जगह से दूसरी जगह आ जा रहे हैं एक दूसरे को उपहार दे रहे हैं। बधाईयों दी जा रही हैं। संक्षेप में कहूं तो खुशियों का आदान-प्रदान हो रहा है। लेकिन यह खुशियां किस समाज की हैं। किस आर्थिक समुदाय का इनसे नाता है? क्या सभी व्यक्ति इससे उतने ही जुड़े हैं या कुछ लोग? भारतीय समाज में स्त्री…

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थर्ड जेंडर के बढ़ते कदम

विचार डेस्क। ट्रांसजेंडर समुदाय धीरे-धीरे समाज की मुख्यधारा में अपनी जगह बना रहा है। हालांकि उसे इसके लिए काफी मशक्कत करनी पड़ रही है और न जाने कितनी बाधाओं का सामना करना पड़ रहा है। उसे कानून के स्तर पर भले ही बराबरी का हक मिल गया हो, पर उसके प्रति समाज की मानसिकता अभी नहीं बदल पाई है। बावजूद इसके उसने अपना हौसला नहीं खोया है। चेन्नै की के. पृथिका यशिनी जल्द ही देश की पहली ट्रांसजेंडर पुलिस सब-इंस्पेक्टर बनने जा रही है। पृथिका के लिए यहां तक पहुंचना…

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चीन-ब्रिटेन की गलबहियों का मतलब

एस. निहाल सिंह। चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग की हालिया ब्रिटेन यात्रा सही मायनों में प्रतीकात्मक और कुछ उपलब्धि वाली भी रही। जिस वैभवता और शाही अंदाज से शी का स्वागत किया गया, उससे उनका कद स्वदेश में कम से कम दस फीट बढ़ गया है। उन्हें स्वर्ण जडि़त घोड़ा-बग्घी में ब्रिटेन की महारानी स्वयं बकिंघम पैलेस लेकर गयी थीं। हालांकि इसके चलते इंग्लैंड के पश्चिमी सहयोगियों और अमेरिका की त्योरियां चढ़ गई हैं। सभी संकेत बताते हैं कि ब्रिटेन का ऐसा करना उसकी दीर्घ काल में जोखिम लेने वाली…

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सट्ट। बाजार-एक्जिट पोल: सब तरफ चर्चाओं का ढोल

चुनाव स्पेशल। बिहार में पांच चरणों के चुनाव के बाद सूबे की जनता ने तो अपना फैसला दे दिया है। अब बस उनके फैसले के लिए 8 नवंबर तक का इंतजार करना होगा। उधर, बिहार में मतदान खत्म हुआ और इधर तमाम खबरिया चैनलों पर एक्जिट पोल का बाजार गरम हो गया। चुनाव के बाद एक तरफ एक्जिट पोल अपन-अपने तर्क दे रहा है तो वहीं दूसरी ओर सट्टïा बाजार भी पूरे उफान पर है। बताया जा रहा है कि करीब 25 हजार करोड़ का सट्टïा लगा है कि बिहार…

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