विवाह के मायनों पर प्रश्नचिह्न्

ऋतुपर्ण दवे। भारत में विवाह को करार का रूप दिया जाना अटपटा जरूर लगता है, लेकिन बदलते परिवेश में यह अपरिहार्य हो गया है। जिस तेजी से समाज, उसकी सोच और मान्यताओं में बदलाव आया है, उसके चलते विवाह का एग्रीमेंट भी जरूरी हो गया है। सोशल मीडिया के दखल, संचार क्रांति और अपरिचितों से साइबर संपर्क के बाद 5-10 वर्षो में देखते-देखते ऐसी अनगिनत घटनाएं हो चुकी हैं, जिनसे विवाह के मायनों पर ही प्रश्नचिह्न् लग गए हैं। दहेज उत्पीडऩ, घरेलू हिंसा, महिलाओं के प्रति क्रूरता, विश्वास का उल्लंघन…

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क्राउडफंडिंग है एक नई सुबह की आहट

ललित गर्ग। विज्ञान एवं तकनीक के इस युग ने मनुष्य को कई सौगातें दी , जीने का नया तरीका दिया है, सोच को बदला है और जीवन को सुगम बनाने की कोशिश की गयी है। ऐसी ही एक आधुनिक सौगात है क्राउडफंडिंग। विदेशों में यह लगभग स्थापित हो चुकी है और भारत में इसका चलन तेजी से बढ़ रहा है। तमाम सार्वजनिक योजनाओं, धार्मिक कार्यों, जनकल्याण उपक्रमों और व्यक्तिगत जरूरतों को पूरा करने के लिए लोग इसका सहारा ले रहे हैं। यह भारतीय चन्दे का आयात किया हुआ एक स्वरूप…

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जिंदगी पर भारी काहिली का डेंगू

रवि शंकर। दिल्ली में डेंगू ने तेजी से अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है। जिससे दिन-प्रतिदिन डेंगू के मरीजों की संख्या में वृद्धि होती जा रही है। दिल्ली, नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद, फरीदाबाद और गुडग़ांव में सरकारी आंकड़ों से उलट जो हकीकत है, वो आंखें खोलने वाली है। गौरतलब है कि राजधानी दिल्ली में डेंगू प्रभावित लोगों की कुल संख्या 2000 के करीब पहुंच गयी है। वैसे निगम ने इस साल डेंगू से पांच मरीजों के मरने की बात कही है, लेकिन प्राप्त आंकड़ों के अनुसार उनकी संख्या 14…

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नाम की राजनीति कितनी मुफीद

सियाराम पांडेय शांत। डाक टिकटों पर अब इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के चित्र नजर नहीं आएंगे। केंद्र सरकार प्राप्त टिकटों की जो नई सीरीज जारी करने जा रही है, उसके मुताबिक तो कुछ ऐसा ही है। नई सीरीज में पं. दीनदयान उपाध्याय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, जयप्रकाश नारायण और डॉ. राममनोहर लोहिया आदि के नाम शामिल है। इंदिरा गांधी और राजीव गांधी के नाम पर 5 रु. के डाक टिकट जारी किये जाते हैं लेकिन केन्द्र सरकार ने इन दोनों ही नामों को डाक टिकटों की सूची से हटाने का…

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पेटलावद हादसे से उपजे सवाल

कृष्णमोहन झा। मध्यप्रदेश के झाबुआ जिले से करीब 60 किलोमीटर दूर स्थित पेटलावद कस्बे में गत सप्ताह हुए दो धमाकों के फलस्वरूप जो दर्दनाक हादसा हुआ है उसमें विकरालता को शब्दों में बयान कर पाना संभव नहीं है। 89 लोगों को काल के गाल में समा जाने एवं 100 से अधिक लोगों को जीवनभर के लिए असहनीय जख्म सहने के लिए विवश कर देने वाले इस हादसे ने मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को इतना दुखी कर दिया है कि वे इसे अपने जीवन की सबसे दुखद घटना मान…

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