प्रो. फूलचंद मानव। डॉ. एस. तरसेम पंजाबी के वरिष्ठ लेखक, रचनाकार, विद्वान हैं। मालवा-पंजाब के साहित्यकारों में इनका विशेष स्थान है। पंजाबी कवि, कहानीकार, आलोचक और चिंतक के तौर पर इनकी पैठ है तो आत्मकथा लेखक के रूप में भी इन्हें सम्मानित किया गया है। संपादक के तौर पर नजरिया (पंजाबी तिमाही) को इन्होंने साहित्यिक पत्रकारिता में लोकप्रिय बनाया हैै। एक नेत्रहीन लेखक की आत्मकथा सुभाष नीरव द्वारा पंजाबी से हिन्दी में (पेपर बैक) छापकर एनबीटी के उच्चाधिकारियों ने सराहनीय और उपयोगी कार्य किया है। मूल आत्मकथा का यह संपादित…
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मुगलों के पतन का शोधपरक विश्लेषण
केवल तिवारी। बहुत लंबे समय तक हिन्दुस्तान के बड़े हिस्से में राज करने के बाद मुगलों का अचानक पतन कैसे हो गया। पतन हो गया या फिर देश में शुरू हो चुकी जम्हूरियत की लड़ाई में वे शामिल हुए और राजशाही खत्म हो गयी। अंग्रेजों ने अपनी चालें चलीं और तब तक मुगल बादशाह को अपना मान चुकी हिन्दुस्तान की कौमों ने बहादुरशाह जफर का हर मोर्चे पर साथ दिया। जफर के बारे में इतिहास में कई बातें दर्ज हैं। उनकी रंगून में मौत, उससे पहले दिल्ली में अंग्रेजों से…
Read Moreकाला धन वापसी के जटिल प्रश्न
डॉ. अश्विनी महाजन। पिछले साल लोकसभा चुनाव मुख्यतौर पर भ्रष्टाचार और विकास के मुद्दों पर लड़ा गया। कोयला, 2-जी स्पैक्ट्रम, कॉमन वैल्थ गेम्स समेत कई घोटालों का कैग और अन्य एजेंसियों द्वारा खुलासा होने के बाद देश की जनता ने नई सरकार के गठन हेतु वोट डाला। काले धन के बारे में कई गैर सरकारी अनुमान भी आए। इससे पहले वर्ष 2009 के चुनावों के दौरान भारतीय जनता पार्टी ने एस. गुरुमूर्ति के नेतृत्व में एक टॉस्क फोर्स का गठन भी किया था और काले धन के विषय में एक…
Read Moreदुनिया भी जाने बलूचिस्तान का सच
पुष्परंजन। बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) पर 9 अप्रैल 2006 को प्रतिबंध लगाया गया था। तभी से इसके नेता हिर्बयार मर्री लंदन में रह रहे हैं। स्वतंत्र बलूचिस्तान के लिए लड़ाई लडऩे वाले नवाबजादा हिर्बयार मर्री ने पांच दिन पहले बीबीसी को दिये एक साक्षात्कार में कहा कि भारत से न कभी मदद ली थी, न लेंगे। नवाबजादा हिर्बयार मर्री के ऐसा बयान देने की वजह नई दिल्ली में 4 अक्तूबर को हुआ प्रदर्शन था, जिसका आयोजन बीएलए की राजनीतिक शाखा बलूचिस्तान लिबरेशन आर्गेनाइजेशन (बीएलओ) के प्रतिनिधि बलाच पारदिली ने किया…
Read Moreदुर्गा पूजा और महिषासुर वध
एस.आर. दारापुरी। आज कल नवरात्र चल रहें हैं जिस में दुर्गा के नौ अवतारों की नौ दिन तक बारी बारी पूजा की जाती है। इसी अवधि में दुर्गा की सार्वजानिक स्थलों पर मूर्तियों की स्थापना की जाती है जहां पर रात को तरह के गाने व भजन होते हैं और माता के भक्त अपनी श्रद्धा के अनुसार पूजा करते हैं और चढ़ावा चढ़ाते हैं। नौ दिन के बाद दुर्गा मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है। यह देखा गया है कि पहले सार्वजानिक स्थलों पर बहुत कम मूर्तियों की स्थापना की…
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